Posts

मेरे जलसे में तुम भी आना

मेरा दिल खानाबदोशों की बस्ती में

देखा है

मेरी स्याह काली रात में एक जुगनू जगमगाया है

सस्ती लिखावट

यू तो हँस लेता हू

गुजारिश

रेशम की तारे...

ये लो एक ओर शहर छोड़ चला मै

पलके कुछ भारी सी लगती है

कभी तो धूप होगी