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Showing posts from May, 2019

देखा है

मेरी स्याह काली रात में एक जुगनू जगमगाया है

सस्ती लिखावट

यू तो हँस लेता हू

गुजारिश

रेशम की तारे...

ये लो एक ओर शहर छोड़ चला मै